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मंडूकपर्णी – स्मृति और मस्तिष्क बढ़ाने वाली जड़ी-बूटी
  • मंडूकपर्णी – स्मृति और मस्तिष्क बढ़ाने वाली जड़ी-बूटी

मंडूकपर्णी (Centella asiatica) के पारंपरिक उपयोग, स्वास्थ्य लाभ और तैयारी के तरीके जानें, जो स्मृति और मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी है।

Mon, Nov 17, 2025

मंडूकपर्णी (Centella asiatica) आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण जड़ी-बूटी है, जो स्मृति बढ़ाने और मस्तिष्क स्वास्थ्य को सहारा देने के लिए उपयोग की जाती है। यह पृष्ठ इसके पारंपरिक उपयोग, स्वास्थ्य लाभ, तैयारी के तरीके और सावधानियों की जानकारी देता है।

🌿 मंडूकपर्णी के बारे में जानकारी

मंडूकपर्णी, जिसे Centella asiatica भी कहा जाता है, एक लता जैसी जड़ी-बूटी है, जो आयुर्वेद और पारंपरिक एशियाई चिकित्सा में स्मृति और मस्तिष्क स्वास्थ्य बढ़ाने के लिए उपयोग की जाती है। इसकी हरी पत्तियाँ चाय, अर्क और हर्बल तैयारियों में इस्तेमाल की जाती हैं।

✨ यह क्यों खास है / महत्व

  • 🧠 स्मृति, ध्यान और मानसिक स्पष्टता बढ़ाती है
  • 🌿 तनाव कम करती है और मानसिक शांति प्रदान करती है
  • ❤️ परिसंचरण और संपूर्ण जीवन शक्ति को बढ़ावा देती है
  • 🌸 त्वचा स्वास्थ्य और घाव भरने में मदद करती है

🏺 पारंपरिक / आयुर्वेदिक उपयोग

  • मस्तिष्क टॉनिक के रूप में उपयोग, मानसिक क्षमता बढ़ाने के लिए
  • चिंता और मानसिक थकान कम करती है
  • तंत्रिका तंत्र के स्वास्थ्य का समर्थन करती है
  • शास्त्रीय संदर्भ: चरक संहिता, सुश्रुत संहिता

🥄 उपयोग / तैयारी के तरीके

आंतरिक उपयोग:

  1. 1–2 चम्मच सूखी मंडूकपर्णी की पत्तियों को 5–10 मिनट पानी में उबालें।
  2. छानकर दिन में एक या दो बार पिएँ।
  3. स्मूदी या दूध में मिलाकर भी लिया जा सकता है।

बाहरी उपयोग:

  1. ताजा पत्तियों का पेस्ट बनाएं।
  2. मामूली कट या त्वचा की जलन पर लगाएं।

💪 लाभ / स्वास्थ्य प्रभाव

  • 🧠 मस्तिष्क: स्मृति, ध्यान और मानसिक स्पष्टता बढ़ाता है
  • 🌿 तनाव: चिंता कम करता है और शांति प्रदान करता है
  • ❤️ परिसंचरण: रक्त प्रवाह और संपूर्ण स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है
  • 🌸 त्वचा: घाव भरने और सूजन कम करने में मदद करता है

🥗 पोषण मूल्य

पोषक तत्व100 ग्राम सूखी पत्तियों में अनुमानित मात्रा
कार्बोहाइड्रेट8 g
प्रोटीन3 g
वसा0.5 g
रेशा6 g
विटामिन्सविटामिन C, विटामिन A (अल्प मात्रा)
खनिजकैल्शियम, लोहा, मैग्नीशियम

⚠️ सावधानियाँ / चेतावनी

  • अत्यधिक सेवन से बचें – प्रतिदिन 3–5 ग्राम पर्याप्त है
  • गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाएं चिकित्सक से परामर्श करें
  • अन्य दवाइयाँ ले रहे हैं तो डॉक्टर से सलाह लें

🔗 संबंधित पृष्ठ

📚 स्रोत

  1. चरक संहिता और सुश्रुत संहिता – पारंपरिक उपयोग
  2. Singh, R. & Sharma, P. (2020). Wild Edible and Medicinal Plants of India. New Delhi: Botanical Publications
  3. PubMed articles on Centella asiatica