
पादाभ्यंग या आयुर्वेदिक पैर मालिश एक प्राचीन उपचार परंपरा है जो तनाव को कम करती है, नींद में सुधार लाती है और शरीर की ऊर्जा को संतुलित करती है।
पादाभ्यंग (Ayurvedic Foot Massage) केवल एक शारीरिक उपचार नहीं, बल्कि मानसिक शांति और आत्मिक स्थिरता का अभ्यास है।
यह प्राचीन परंपरा हर रात शरीर की ऊर्जा को पुनर्संतुलित करने और गहरी नींद को आमंत्रित करने के लिए की जाती थी।
आयुर्वेद के अनुसार, पैर शरीर की जड़ हैं और इनमें ऐसे मर्म बिंदु होते हैं जो हृदय, मस्तिष्क और नेत्रों से जुड़े होते हैं।
इन पर मालिश करने से:
आवश्यक सामग्री:
विधि:
1️⃣ तेल को हल्का गर्म करें।
2️⃣ आराम से बैठें और गहरी साँस लें।
3️⃣ पैरों पर तेल लगाकर धीरे-धीरे मालिश करें।
4️⃣ एड़ी, तलवों और उँगलियों के बीच हल्के गोलाकार दबाव दें।
5️⃣ अतिरिक्त तेल पोंछकर या मोज़े पहनकर सो जाएँ।
यह छोटा-सा अनुष्ठान दिनभर की थकान मिटाने और आत्मिक संतुलन पाने का सरल उपाय है।
प्राचीन भारत में पादाभ्यंग केवल स्वास्थ्य नहीं, बल्कि ध्यान और साधना से पहले की शुद्धि प्रक्रिया थी।
यह माना जाता था कि इससे नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और शरीर पृथ्वी की ऊर्जा से जुड़ता है।