
देशी गाय का घी आयुर्वेद में अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह शरीर, मन और त्वचा को पोषण देता है। इसके आंतरिक और बाहरी लाभ जानें।
देशी गाय का घी सिर्फ खाना बनाने के लिए नहीं — यह आयुर्वेदिक खज़ाना है जो संपूर्ण स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स और आवश्यक वसा होती है, इसे “सुनहरा अमृत” कहा जाता है जो मन, शरीर और आत्मा को पोषण देता है।
पाचन सुधारता है
अग्नि को प्रज्वलित करता है और पोषक तत्वों के अवशोषण में मदद करता है। नियमित सेवन कब्ज़, फुलाव और अपच को रोकता है।
प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है
एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरा, यह शरीर को संक्रमण से बचाता है।
मस्तिष्क स्वास्थ्य
स्मृति, ध्यान और संज्ञानात्मक क्षमता को सुधारता है। आयुर्वेदिक ब्रेन टॉनिक में इसका प्रयोग किया जाता है।
हृदय स्वास्थ्य
स्वस्थ वसा प्रदान करता है, सूजन कम करता है और कार्डियोवैस्कुलर स्वास्थ्य बनाए रखता है।
शरीर से विषैले तत्व निकालता है
शरीर से आम को निकालने में मदद करता है, यकृत और गुर्दे के स्वास्थ्य को बढ़ाता है।
जोड़ों की लचीलापन बढ़ाता है
नियमित सेवन से जोड़ चिकनाई बनाए रखते हैं, विशेषकर वृद्ध व्यक्तियों के लिए लाभकारी।
त्वचा में चमक
सूखी और वृद्धत्व की त्वचा को पोषण देता है। चेहरे या शरीर पर मालिश करें।
बालों के लिए
जड़ों को मजबूत करता है, टूटने से रोकता है और शुष्कता कम करता है।
छोटे घाव और जलन में लाभकारी
जलने, फटी त्वचा और एक्जिमा में राहत देता है।
होंठ और आंखों की देखभाल
होंठों को मुलायम और हाइड्रेटेड बनाए रखता है। आंखों के आसपास हल्का लेप लगाने से उम्र बढ़ने के लक्षण कम होते हैं।