
सूर्योदय के समय हर्बल चाय पीने की प्राचीन आयुर्वेदिक परंपरा शरीर और मन दोनों को संतुलित करती है — दिन की शुरुआत शांति और कृतज्ञता के साथ।
आधुनिक कॉफी संस्कृति से बहुत पहले, हमारे पूर्वज दिन की शुरुआत औषधीय पौधों की सुगंधित चाय से करते थे — जो केवल स्वाद नहीं, बल्कि संतुलन, एकाग्रता और आंतरिक शांति का स्रोत थी।
यह सूर्योदय का अनुष्ठान प्रकृति की लय के साथ मनुष्य की लय को जोड़ता है।
आयुर्वेद के अनुसार, “ब्रह्म मुहूर्त” आत्मिक और शारीरिक पुनरुत्थान का समय है। इस समय हर्बल चाय पीना:
यह केवल औषधि नहीं, बल्कि सूर्य की ऊर्जा को आत्मसात करने का आध्यात्मिक कर्म है।
सामग्री:
विधि:
1️⃣ पानी को हल्की आँच पर उबालें और सभी सामग्री डालें।
2️⃣ 3–4 मिनट तक धीमी आँच पर पकाएँ।
3️⃣ छानकर एक कप में भरें और सूर्योदय की दिशा में बैठकर धीरे-धीरे पिएँ।
4️⃣ पहला घूँट लेने से पहले कुछ क्षण ध्यान करें और कृतज्ञता व्यक्त करें।
यह चाय शरीर को ऊर्जावान और मन को शांत बनाती है — एक आदर्श संतुलन।
इस चाय के साथ कुछ लोग करते हैं:
“मैं शांति और प्रकाश के साथ दिन की शुरुआत करता हूँ।”
इससे साधारण पेय एक दैनिक ध्यान अभ्यास में बदल जाता है।
आज भी बहुत से लोग कैफीन की जगह हर्बल पेय अपना रहे हैं — जिससे दिनभर शांत ऊर्जा बनी रहती है। तुलसी-अदरक या लेमनग्रास-दालचीनी का मिश्रण तनाव घटाने और मन को संतुलित रखने में मदद करता है।