
खस (Vetiver) की जड़ें शरीर, मन और वातावरण को ठंडक और शांति प्रदान करने वाली प्रकृति की अनमोल भेंट हैं।
गर्मियों में जब प्रकृति तपती है, तब मिट्टी के नीचे छिपा खजाना – खस की जड़ें (Vetiver Roots) शरीर और मन को ठंडक देने के लिए सामने आता है।
इसकी मिट्टी जैसी सुगंध और प्राकृतिक ठंडक सदियों से आयुर्वेद में प्रसिद्ध हैं।
खस को प्राकृतिक ठंडक, शुद्धिकरण और स्थिरता के लिए जाना जाता है।
इसका उपयोग किया जाता है:
आयुर्वेद के अनुसार खस त्रिदोष संतुलित जड़ी-बूटी है, विशेष रूप से पित्त दोष को शांत करती है।
यह:
1️⃣ खस का पानी:
रातभर के लिए मिट्टी के घड़े में खस की जड़ें भिगोकर रखें।
सुबह यह पानी ठंडा और सुगंधित बन जाता है — पीने के लिए उत्तम।
2️⃣ खस स्नान:
स्नान के पानी में खस की जड़ें डालें और ठंडक का अनुभव करें।
3️⃣ खस की चटाई या थैली:
खस की सूखी जड़ें अलमारी या तकिए के नीचे रखें। इससे खुशबू फैलती है और कीड़े दूर रहते हैं।
4️⃣ ठंडा पेय:
खस की जड़ों को उबालकर पानी ठंडा करें और फ्रिज में रखें।
गर्मियों में यह पेय शरीर को अंदर से ठंडक देता है।
भारत के पारंपरिक घरों में खस की चटाइयाँ और पंखे गर्मियों में ठंडक लाने के लिए उपयोग किए जाते थे।
उनकी मिट्टी जैसी खुशबू मन को शांति देती थी और वातावरण को ताज़गी से भर देती थी।
आज खस का उपयोग अरोमाथेरेपी, परफ्यूम, हर्बल ड्रिंक्स और स्किनकेयर में बढ़ रहा है।
यह वास्तव में प्रकृति का संदेश है — शांत रहो, ठंडक में रहो, प्रकृति से जुड़े रहो।